सावन का सोमवार – भोलेनाथ की कृपा पाने का पावन अवसर
सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस दौरान हर सोमवार को "सावन सोमवार व्रत" रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा पाने और मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु किया जाता है।
सावन सोमवार का महत्व
शिव पुराण के अनुसार, सावन में भगवान शिव स्वयं पृथ्वी पर विशेष रूप से सक्रिय रहते हैं। ऐसे में उनकी आराधना का फल कई गुना अधिक मिलता है। खासकर सोमवार को व्रत रखने वाले जातकों को सुख-समृद्धि, विवाह योग, संतान सुख और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि
- प्रात:काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग पर गंगाजल, कच्चा दूध, दही, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भस्म अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
- अगर संभव हो तो दिन भर व्रत रखें और फलाहार करें।
व्रत करने के लाभ
जो भक्त सावन सोमवार का व्रत श्रद्धा पूर्वक रखते हैं, उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है:
- विवाह में आ रही अड़चनों का समाधान होता है।
- मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
- रोग, बाधा और संकटों से मुक्ति मिलती है।
- कर्मों का शुद्धिकरण और आत्मिक उन्नति होती है।
सावन सोमवार व्रत कथा (संक्षेप में)
एक बार एक निर्धन ब्राह्मण अपने जीवन में दुःखी था। उसने सावन सोमवार का व्रत करना शुरू किया। कई सोमवारों तक व्रत और पूजन के पश्चात भगवान शिव प्रसन्न हुए और उसकी सभी परेशानियाँ दूर हो गईं। यह कथा दर्शाती है कि श्रद्धा और विश्वास से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
सावन सोमवार पर क्या करें और क्या न करें?
- करें: शिव मंत्र जाप, दान-पुण्य, ब्राह्मण भोजन, रुद्राभिषेक।
- न करें: तामसिक भोजन, झूठ बोलना, क्रोध, निंदनीय व्यवहार।
श्रद्धा से करें पूजन – मिलेगा पुण्य फल
भक्तों के लिए यह महीना आत्मिक बल, संयम और साधना का समय होता है। सावन सोमवार का व्रत अगर नियम और श्रद्धा से किया जाए, तो जीवन के सभी कष्ट दूर होकर सुख-शांति का मार्ग प्रशस्त होता है।
"श्रद्धा और भक्ति से जो भी शिव का नाम लेता है, भोलेनाथ उसके हर कष्ट हर लेते हैं। हर हर महादेव!"
🔱 हर हर महादेव 🔱
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